भारत के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए एक क्रांतिकारी कदम साबित हो रही ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ ने आज अपने 2 वर्ष पूरे कर लिए हैं। 17 सितंबर 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च की गई यह केंद्र प्रायोजित योजना अब 2025 में नई ऊंचाइयों पर पहुंच चुकी है। हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार, 30 लाख से अधिक कारीगरों ने इसमें रजिस्ट्रेशन कराया है, जबकि 4.7 लाख को ₹41,188 करोड़ के ऋण स्वीकृत हो चुके हैं। गुजरात में अकेले 1.81 लाख कारीगरों को सशक्त बनाया गया है, और पूरे देश में 2.72 करोड़ आवेदनों पर प्रक्रिया चल रही है। यह योजना न केवल कौशल विकास पर फोकस करती है, बल्कि डिजिटल युग में कारीगरों को वैश्विक बाजार से जोड़ रही है। अगर आप बढ़ई, लोहार, सुनार या कोई पारंपरिक शिल्पकार हैं, तो 2025 में यह योजना आपके लिए सुनहरा अवसर है!
योजना का उद्देश्य: ‘विकसित भारत’ में कारीगरों का योगदान बढ़ाना
‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ का मुख्य लक्ष्य पारंपरिक कारीगरों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है, जो दशकों से उपेक्षित रहे। मंत्रालय ऑफ माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (MSME) द्वारा संचालित यह योजना विश्वकर्मा जयंती पर शुरू हुई थी। 2025 में इसका विस्तार हो रहा है – मार्च में 19 केंद्र योजनाओं के तहत 4.2 मिलियन उम्मीदवारों को ट्रेनिंग का प्लान अनाउंस्ड किया गया। उत्तर प्रदेश में 1.5-2 लाख कारीगरों को ऋण मिल चुके हैं, जबकि आंध्र प्रदेश में हाल ही में रिव्यू मीटिंग में योजना की प्रगति पर चर्चा हुई। X (पूर्व ट्विटर) पर #PMVishwakarma ट्रेंडिंग है, जहां कारीगर अपनी सफल कहानियां शेयर कर रहे हैं। यह योजना ‘आत्मनिर्भर भारत’ का हिस्सा है, जो आदिवासी समुदायों को भी एकीकृत कर रही है।

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पात्रता मानदंड: कौन आवेदन कर सकता है?
यह योजना 18 श्रेणियों के कारीगरों के लिए है, जैसे बढ़ई, कुम्हार, राजमिस्त्री, दर्जी आदि। मुख्य पात्रता:
- उम्र: 18 वर्ष से अधिक।
- निवास: भारत का मूल निवासी।
- कौशल: पारंपरिक शिल्प में कार्यरत (ट्रेडिशनल आर्टिसन या क्राफ्ट्सपर्सन)।
- आय: कोई सख्त सीमा नहीं, लेकिन SC/ST/महिलाओं को प्राथमिकता।
- अन्य: पहले से किसी अन्य योजना का लाभ न ले रहे हों।
अगर आप इनमें फिट बैठते हैं, तो तुरंत रजिस्टर करें – योजना में कोई ऊपरी आयु सीमा नहीं है!
लाभ: ₹15,000 टूलकिट से ₹3 लाख ऋण तक – 2025 अपडेट्स
योजना के तहत कारीगरों को समग्र सपोर्ट मिलता है। 2025 में PSBs ने अगस्त तक 1 में 4 आवेदनों पर ऋण वितरित किया है। मुख्य लाभ:
- टूलकिट इंसेंटिव: ₹15,000 का एकमुश्त अनुदान उपकरण खरीदने के लिए।
- ट्रेनिंग: मुफ्त कौशल प्रशिक्षण (बेसिक, एडवांस्ड, मार्केटिंग)।
- ऋण सुविधा: कोलैटरल-फ्री लोन – पहला चक्र ₹1 लाख (1% ब्याज), दूसरा ₹2 लाख (5% ब्याज), तीसरा ₹3 लाख (5% ब्याज)।
- अतिरिक्त: डिजिटल/फाइनेंशियल लिटरेसी, मार्केट लिंकेज, e-VIDAI प्रमाणपत्र और GI टैग सपोर्ट।
- 2025 स्पेशल: 4.2 मिलियन ट्रेनिंग टारगेट, जिसमें डिजिटल मार्केटिंग पर फोकस। उदाहरण: एक दर्जी महिला ने टूलकिट से मशीन खरीदकर मासिक आय दोगुनी कर ली!
कुल मिलाकर, योजना ने लाखों कारीगरों को वैश्विक मंच दिया है, जैसे UP के शिल्पकार अब ई-कॉमर्स पर बिक्री कर रहे हैं।
आवेदन प्रक्रिया: ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन – स्टेप बाय स्टेप गाइड
आवेदन पूरी तरह डिजिटल है, CSC सेंटर्स पर भी उपलब्ध। 21 सितंबर 2025 तक 2.72 करोड़ आवेदन आ चुके हैं – अभी भी समय है! स्टेप्स:
- पोर्टल पर जाएं: आधिकारिक वेबसाइट pmvishwakarma.gov.in खोलें।
- रजिस्ट्रेशन: ‘नया आवेदन’ पर क्लिक, आधार/मोबाइल से OTP वेरिफाई करें।
- फॉर्म भरें: व्यक्तिगत डिटेल्स, ट्रेड (शिल्प), आधार/बैंक डिटेल्स डालें।
- दस्तावेज अपलोड: आधार, फोटो, बैंक पासबुक, कौशल प्रमाण (यदि हो)।
- सबमिट: आवेदन ID मिलेगी। स्टेज 1 (ग्राम पंचायत वेरिफिकेशन) के बाद ट्रेनिंग शुरू।
स्टेटस चेक: CSC सेंटर या ऐप से लोन/पेमेंट स्टेटस देखें। हेल्पलाइन: 14440। कोई लास्ट डेट नहीं – साल भर आवेदन खुले हैं!
चुनौतियां और भविष्य: 2025 में और मजबूत
हालांकि, कुछ राज्यों में ऋण वितरण धीमा है (जैसे 25% आवेदनों पर ही डिस्बर्समेंट), लेकिन सरकार 2025 में इसे तेज करने पर काम कर रही है। X पर यूजर्स जैसे @kishanreddybjp ने DISHA मीटिंग्स में योजना की समीक्षा की, जबकि @PTI_News ने आंध्र प्रदेश के सेलिब्रेशन को कवर किया। विपक्ष ने इसे सराहा, लेकिन और तेजी की मांग की।
निष्कर्ष: कारीगरों का सशक्तिकरण, भारत का गौरव
‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ ने 2 सालों में लाखों जिंदगियां बदली हैं – अब 2025 में यह और विस्तार लेगी। अगर आप कारीगर हैं, तो आज ही रजिस्टर करें और अपनी स्किल्स को चमकाएं। अधिक जानकारी के लिए कमेंट करें या शेयर करें! #PMVishwakarmaYojana #VishwakarmaJayanti2025